After a long time, I was inspired to write something in the form of a poetry. The inspiration for this has come from the speech of Shri Narendra Modi in the central hall of Parliament on 20th May 14.
उल्लास के नारे हैं, विजय के जयकारे हैं
समर्थकों की कतारें है, पुष्पों की बौछारें है
समस्याएं प्रचंड हैं, आत्मविश्वास अखंड है
कर्मयोगी नेतृत्व है, प्रगति का मार्ग प्रशस्त है
चुनौतियों से लड़ने को कटिबद्ध, देश जैसे हो रहा सन्नद्ध
सकारात्मकता और विश्वास मन मन पर छा गए हैं
लगता है सचमुच भारत के अच्छे दिन आ गए हैं
समर्थकों की कतारें है, पुष्पों की बौछारें है
समस्याएं प्रचंड हैं, आत्मविश्वास अखंड है
कर्मयोगी नेतृत्व है, प्रगति का मार्ग प्रशस्त है
चुनौतियों से लड़ने को कटिबद्ध, देश जैसे हो रहा सन्नद्ध
सकारात्मकता और विश्वास मन मन पर छा गए हैं
लगता है सचमुच भारत के अच्छे दिन आ गए हैं
Bharat Maa ka Lal Sewak Hai, Naya ulaas hai
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